दुनिया क्यों भटकती हैं, दिन रात अंधेरे में...गरीबी गीत
ग्राम-पनवार खुर्द, तहसील-त्योथर, ब्लाक-जवा, जिला-रीवा म.प्र.से मन्नूलाल वर्मा जी गरीबी पर एक गीत प्रस्तुत कर रहे हैं :
दुनिया क्यों भटकती हैं, दिन रात अंधेरे में-
गरीबों की बारात आई, दिन रात अंधरे में-
गरीबों का बात, कोई नहीं सुनता-
ना उनका कोई, बात मानता-
गरीबों की हाल बिगड़ी, दिन रात अंधरे में-
दुनिया क्यों भटकती हैं...
किसी के कुत्ते, दूध से नहाते हैं-
किसी के बच्चे, सूखी रोटी नहीं पाते हैं-
दुनिया क्यों भटकती हैं...