रात को पेट भर ले और सुबह काम पर लौट आए, सिर्फ वेतन इतना ही देना है...
रात को पेट भर लें और सुबह को काम पर लौंट आयें
सिर्फ वेतन इतना ही देना है
कभी वह सामने न बोले
पीछे से जुबान न खोले
हर काम में कमियां गिनना है
सबल होकर खड़ा न हो जाए कभी वो बगावत कि लाठी लेकर सामने
इसलिए बदनटूट काम करवाना है
उपर से अपना भी कहना है और शोषण भी करना है
प्रत्यक्ष में धर्मात्मा बनना है और अप्रत्य में लहू पीना है
आज ठेकेदारों मिल मालिकों और उद्योगपतियों की यही तो योजना है
कि यदि सदा लाभ का स्वाद चखना है
तो गरीब मजदूर को गरीब ही रखना है
शिवराज घायल