डंगुड पहाड़ मावा नेली रो दादा...गोंडी वर्षा गीत
ग्राम कौड़िया तहसील पांढुर्ना जिला छिन्दवाडा (म.प्र.) से जितेन्द्र उइके जी एक गोंडी गीत गा रहे हैं|गीत में बताया गया है कि हम जंगल-पहाड़ में बसे हैं, हमारी खेती-बाड़ी भी वहीं है. जंगल में रिमझिम बरसात के मौसम में कोयल अपनी कुहूँ-कुहूँ की आवाज सुना रही हैं,नदियों में कल-कल झरना बह रहा है:
डंगुड पहाड़ मावा नेली रो दादा, डंगुड पहाड़ मावा नेली
अरे रिमझिम-रिमझिम वात बरसात रो, कुहूँ-कुहूँ कोयल कुकीता
छम-छम मन एन्दी लाता रो दादा, डंगुड पहाड़ मावा नेली
डंगुड पहाड़ मावा नेली.........
गारड़-गारड़ बिजली चमके माता, गारड़-गारड़ बिजली चमके माता,
फरड-फरड पुन्दरी पूरिता, कल-कल येर पोंगिलाता रो दादा
डंगुड पहाड़ मावा नेली..........