सब कुछ वैसा ही हो जाए
सब कुछ वैसा ही हो जाए
जैसा हमने चाहा था
जैसा हमने सोचा था
जैसा सपना देखा था
लेकिन वैसा कब होता है
थका हारा भूखा सोता है
तुम हम सबको बहलाती हो
नाहक सपने दिखलाते हो
अपने पीछे दौड़ाते हो गुर्राते हो धमकाते हो
और हमारे दिल में बात यही भरते रहते हो
सब कुछ वैसा ही हो जाएगा
जैसा हम चाहा करते हैं
जैसा हम सोचा करते हैं
हमने बात उनकी की
लेकिन देखो गौर से देखो इन बच्चो की आँखों में
शंकाओ के संदेहो के कितने बादल तैर रहे है
बेशक बालिग होकर ये सपनो के
उन हत्यारो का सारा तिलस्म तोड़ डालेंगे
बेशक अच्छे दिन आयेंगे
तब हम मिलकर गायेंगे गीत विजय के दोहराएंगे ।
गीत विजय के दोहराएंगे ।