मोर माटी के मितान, चल मज़दूर और किसान...
मोर माटी के मितान
चल मज़दूर और किसान
ज़ुल्म अत्याचार ला मिटाए बर करो
संघर्ष और निर्माण
ये धरती के रखवाला किसान भोलाभाला
मेहनतकश मज़दूर दुनिया बनाने वाला
हमर गा कमाई में दुनिया हर जीयत हे
कौन पापी बैरी हमर लहू ला पीयत हे
भाई नौजवान, सुनो गा किसान
ज़ुल्म अत्याचार ला मिटाए बर करो
संघर्ष और निर्माण
खेती खार सुखावत हे, मशीन काम नंगावत हे
लइका मन के ज़िंदगी ला कौन डहर रेंगत हे
स्कूल मा मास्टर नई हे, अस्पताल में दवा नई हे
खेत बर पानी नई हे, इहां सुद्ध हवा नई हे
लइका औ सियान जागो गा मितान
ज़ुल्म अत्याचार ला मिटाए बर करो
संघर्ष और निर्माण