जिसने बनाया बादशाहों का ताज है, वही दाने दाने को आज मोहताज़ है...
मेहनत की जिससे बादशाहों का भी नूर है
अपनी दशा पर रोए भारत का मज़दूर है
जिसने बनाया बादशाहों का ताज है
वही दाने दाने को आज मोहताज़ है
मेहनत की जिससे बादशाहों का भी नूर है
अपनी दशा पर रोए भारत का मज़दूर है
जिसने बनाया बादशाहों का ताज है
वही दाने दाने को आज मोहताज़ है