पीड़ितों का रजिस्टर : पुलिस द्वारा ना पकड़े जाने पर नक्सलियों ने मुखबीर करार दिया...
सोमाराम उसेंडी, ग्राम कुतुल तहसील ओरछा जिला नारायनपुर, बताते हैं कि वे नक्सलियों द्वारा मारे जान के डर से 2016 से नारायणपुर में रहते हैं व रोजी मजदूरी करके अपना गुजारा करते हैं। वे अपने गाँव के बाकी लोगों की तरह ही नक्सलियों के संपर्क मे थे। उनके घर छोड़ कर भागने की कहानी तब शुरू होती है जब वे एक दिन सुबह खाना कहा रहे थे। चूंकि उनके गाँव में एक नक्सली मारा गया था, एक पुलिस की टुकड़ी गश्त के लिए उसी समय उनके गाँव पहुंची। नक्सलियों के आस पास होने के कारण उनकी पुलिस से मुठभेड़ शुरू हो गई। जब पुलिस वापस चले गई, तब नक्सलियों को संदेह हुआ कि पुलिस ने सोमाराम को पकड़ा क्यूँ नहीं और इसी आधार पर उनपे मुखबिरी का आरोप लगाया। मारे जाने से के डर से वे रातों रात गाँव छोड़ कर नारायणपुर भाग आए। इसी बीच पुलिस ने उनके घर पे 2 बार दबिश की। जब नक्सलियों को खबर मिली की वह नारायणपुर भाग गए हैं, तो उनका संदेह और मजबूत हो गया कि वे पुलिस को माओवादियों की खबर पहुंचाने गए हैं। जब वे लौट कर अपने घर आए, तो गॉंव वालों ने बताया कि नक्सली उन्हें मारने की फिराक मे हैं। इसी डर से वे दुबारा नारायणपुर भाग आए और तब से यहीं रह कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। उनका एफआईआर दर्ज हो चुका है लेकिन सरकार से ना जमीन मिली है ना ही कोई सहयोग राशि। संपर्क नंबर@7647938065.