दौलत खो जाये तो आ जाती है...कविता-
राजनांदगांव, छत्तीसगढ़ से वीरेन्द्र गंधर्व मातृत्व दिवस पर एक कविता सुना रहे हैं:
दौलत खो जाये तो आ जाती है-
सोहरत खो जाये तो आ जाती है-
मगर माँ खो जाये तो कभी नहीं आती है-
यू तो रिश्ते तमाम होते हैं-
वक्त आने पर सारे नाकाम होते है...