हठ कर बैठा चाँद एक दिन, माता से यह बोला...कविता-
जिला-भादोरी, उत्तर प्रदेश से पुष्पराज मौर्य एक कविता सुना रहे हैं:
हठ कर बैठा चाँद एक दिन, माता से यह बोला-
सिलवा दो माँ मुझे ऊन का मोटा एक झिंगोला-
सन-सन चलती हवा रात भर जाड़े से मरता हूँ-
ठिठुर-ठिठुर कर किसी तरह यात्रा पूरी करता हूँ-
आसमान का सफ़र और यह मौसम है जाड़े का-
न हो अगर तो ला दो कुर्ता ही कोई भाड़े का...