महुआ बिना थे जोड़ीदार संगो...गीत-
जिला-सूरजपुर (छत्तीसगढ़) से रूपलाल मरावी एक गीत सुना रहे हैं:
खरहा दबा के संगो छिंद गो पतरी गा-
महुआ बिना थे जोड़ीदार महुआ के तरी-
महुआ के तरी छिंदी गुफा तरी-
कोन बिने एक मोरा-
कोन बिने दुई मोरा-
कोन बिना ले मोरा चार हो, छिंद गो पतरी...(AR)