बिरजू की कहानी का दूसरा भाग
निकेतन शर्मा जी सीजी नेट के श्रोताओं को कहानी सुना रहे है -बेटा खाना खाने आ जाओ ! जी पिताजी, खाना खाने के पश्चात “ये बिरजू तो बहुत अहंकारी है कोई उपाय सोचना पड़ेगा ” एक आइडिया है|बिरजू-बाहर आ ‘’ मै तुझसे बॉक्सिंग करना चाहता हूँ | डर गया क्या मूर्ख ! बिरजू – मै किसी से नहीं डरता| कल दोपहर नदी के किनारे बॉक्सिंग का मैच है आ जा|हूँ बड़े आए पिता के कंधों पर जीने वाले ;पंकज-चलो राहुल |राहुल-चलो भैया |कल राहुल और पंकज पूरी तैयारी के साथ गए| बिरजू और राहुल एक दूसरे को मारने लगे “बिरजू ने चीटिंग करना शुरू कर दी|तभी .. राहुल बिरजू चीटिंग कर रहा है कुछ कर, तभी राहूल ने बिरजू को गुमा गुमाकर मारा| बुरजू मार से घायल हो गया और सॉरी राहुल पंकज मैंने तुम लोगों का मजाक उड़ाया | तुम लोग अच्छे हो |
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