जीवन तो भईया इक रेल है...गीत-
जिला-प्रयागराज (उत्तरप्रदेश) से अजय कुमार प्रजापति एक गीत सुना रहे हैं:
जीवन तो भईया इक रेल है-
कभी तो जीने का जेल है-
जीवन जीवन से और बिगड़ते है-
यात्री भी चढ़ते और उतरते हैं-
रिश्ते भी बांटे और बिगड़ते हैं...(AR)