हमसे का भूल हुई जो ये सज़ा हमका मिली...गीत-
मटिया आलम, निबुआ नारंगिया, जिला-कुशीनगर, उत्तरप्रदेश से सुकई कुसवाहा एक गीत सुना रहे हैं:
हमसे का भूल हुई जो ये सज़ा हमका मिली-
अब तो चारों ही तरफ़ बंद है दुनिया की गली-
हमसे का भूल हुई जो ये सज़ा हमका मिली-
दिल किसी का न दुखे हमने बस इतना चाहा-
पाप से दूर रहे झूठ से बचना चाहा...