नानी तेरी मोरनी को मोर ले गये...कविता
बंदा (उत्तर प्रदेश) से सूरज एक कविता सुना रहे हैं:
नानी तेरी मोरनी को मोर ले गये-
बाकी जो बचा था काले चोर ले गये-
खाके पीके मोटे होके, चोर बैठे रेल में
चोरो वाला डिब्बा कट कर पहुँचा सीधे जेल में-
उन चोरों की खूब खबर ली, मोटे थानेदार ने-
मोरो को भी खूब नचाया, जंगल की सरकार ने-
अच्छी नानी प्यारी नानी, रूसा-रूसी छोड़ दे-
जल्दी से एक पैसा दे दे, तू कंजूसी छोड़ दे... (AR)