वनांचल स्वर: बुजुर्ग ने किया साहस प्रयोग के लिए दी ज़मीन-
ग्राम-दमकसा, जिला-कांकेर (छत्तीसगढ़) शेर सिंह आँचला जी ने बताया कि यह भूमि उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है उनके पूर्वज यहाँ 17वीं-18वीं शताब्दी के आस पास आए। ये अध्यापक थे। लोगो को जागरूक और वन बचाने के लिए संगठन बनाया और पंजीकरण भी करवाया । इसी को ध्यान रखते हुए अपनी जमीन पर एक प्रयोग किया नर्सरी बनवाकर, और कई तरह की विलुप्त होने वाली औषदियाँ भी लगाई। अब लोग जागरूक होने लगे हैं। गिलोय, भूलिम, आंवला के पेड़ लगाए गए। सुरक्षा का अभाव था, कार्यशालाएं भी चल रही हैं। हर वर्ष 5 जून को पर्यावरण दिवस भी मनाते हैं। जब तक लोगो में जागरूकता और सहयोग नही है तब तक कोई सफलता नही मिलेगी। मुझे प्रकृति पर्यावरण पर आस्था है। या फ़िनलैंड से विदेशी आए थे, अमेरिका से भी कुछ दिन पहले यहां आए थे, दिल्ली से भी आते रहते हैं। (MS)