गैरो से गिला क्या करें जब अपने बदल गयें...गजल-
उत्तरप्रदेश से शिवकुमार एक गजल सुना रहे हैं:
गैरो से गिला क्या करें जब अपने बदल गयें-
आइना वही है मगर चहेरे बदल गयें-
मेरी तरफ देख तरस मत खाइये-
घर में बहू के आते ही-
बेटे बदल गयें-
गैरो से गिला क्या करें जब अपने बदल गयें...(AR)