चाँद का कुरता हट कर बैठा...कविता-
जिला-पूर्णिया (बिहार) से खगेश कुमार कविता सुना रहें हैं:
चाँद का कुरता हट कर बैठा-
चाँद एक दिन माता से यह बोला-
दिलवा दो माँ मुझे ऊन का-
मोटा एक झिंगोला...(RM)
जिला-पूर्णिया (बिहार) से खगेश कुमार कविता सुना रहें हैं:
चाँद का कुरता हट कर बैठा-
चाँद एक दिन माता से यह बोला-
दिलवा दो माँ मुझे ऊन का-
मोटा एक झिंगोला...(RM)