शोभा और वाणी को बदलने पर ही सम्मान मिल सकता है...कहानी-
सुरेश कुमार बड़वानी (मध्यप्रदेश) से कहानी बता रहे है:
वाणी बदलो -एक कोयल आम के पेड़ में बैठी थी ,कौआ तेज रफ़्तार से उड़कर जा रहा था|कोयल ने पूछा भैया कहा भागे जा रहे हो| कौआ बोला भाई इस देश को छोड़कर विदेश जा रहा हूँ |या मेरा सम्मान नहीं है जहा जाकर बैठता हूँ बोलता वाही से उड़ा दिया जाता हूँ |इस पर कोयल बोली -भैया इस कान बदलने से क्या होगा |तुमे अपनी कड़वी बोली छोड़कर मुधुर बोली अपनानी चाहिए |स्थान परिवर्तन से कुछ नहीं होता |शोभा और वाणी को बदलने पर ही सम्मान मिल सकता है|