नर हो ना निराश करो मन को...कविता-
जिला-विदिशा, राज्य-मध्यप्रदेश से अजय कुमार मांझी कविता सुना रहें हैं:
नर हो ना निराश करो मन को-
कुछ काम करो कुछ काम करो-
जग में रह कर कुछ नाम करो-
जो जन्म हुवा वो व्यार्थ ना हो-
जिस्म यह व्यार्थ ना हो-
नर हो ना निराश करो मन को...(ID(182254)