कोहे का ठंड जले पीपल के छाव रे..सादरी गीत-
सुरेन्द्र पाल ग्राम-मवई, जिला-बाँदा (उत्तरप्रदेश) से एक सादरी सुना रहे है:
कोहे का ठंड जले पीपल के छाव रे-
रुक जाओ परदेशी आज मेरे गांव में-
डोल रही पीपल पत्ती गोल गोल रे-
कोहे का ठंड जले पीपल के छाव रे-
मन के मडइया स्वागत में मड रे-
कोहे का ठंड जले पीपल के छाव रे...