मेहनत करे लंगोटी वाला, टोपी वाला खाए रे...एक गीत
न्याय नाम की चीज नहीं है,
अन्याय बढ़ता जाये रे !
मेहनत करे लंगोटी वाला,
टोपी वाला खाए रे ....२
मर मर कर जो मेहनत करता,
उसका पेट कभी नहीं भरता ....२
पाल रहा जो जग को सारा ,
खुद भूखा सो जाये रे !
मेहनत करे लंगोटी वाला,
टोपी वाला खाए रे ....२
अत्याचार, भ्रष्टाचार इसी को कहते शिष्टाचार !
दिन दिन मेरे देश की हालत ,
देखो बिगड़ती जाये रे !
मेहनत करे लंगोटी वाला,
टोपी वाला खाए रे ....२