सैनिक की अंतिम इच्छा : एक कविता
साथी घर जाकर मत कहना, संकेतों में बतला देना
यदि हाल मेरी माता पूछे, मुरझाया फूल दिखा देना
यदि इतना कहने से न माने, जलता दीप बुझा देना
यदि हाल मेरी बहना पूछे, मस्तक तिलक मिटा देना
यदि इतना कहने से न माने, तो राखी तोड दिखा देना
यदि हाल मेरी पत्नी पूछे, मांग सिंदूर मिटा देना
यदि इतना कहने से न माने, तो चूडी तोड दिखा देना