खड़ी हूँ द्वार पूजन को चढाऊं क्या तुझे रहिमन...एक बघेलखंडी गीत
रीवा मध्यप्रदेश से बहिनी दरबार की जमनावती साकेत एक बघेलखंडी लोकगीत गा रही हैं जो दादरा शैली में महिलाये इक्कठी होकर गाती है:
खड़ी हूँ द्वार पूजन को चढाऊं क्या तुझे रहिमन
अगर मैं जल चढ़ाती हूँ तो मछली का वो झूठा है
अगर मैं चावल चढ़ाती हूँ तो चिड़िया का ये झूठा है
अगर मैं दूध चढ़ाती हुतो बछड़े का वो झूठा है |