स्वास्थ्य स्वर : नृत्य करने से शरीरिक लाभ-
सतेगंगा, जिला मुंगेली (छत्तीसगढ़) से रमाकांत सोनी स्वास्थ्य से जुडी सन्देश बता रहा है “नृत्य” के सन्दर्भ में जानकारी “नृत्य” ललित कलाओं अंग होते हुए भी यहाँ एक प्रकार व्यायाम है, “नृत्य” करते समय शरीर के प्रत्येक अंग मानसिक एकाग्रता में खो जाते है हम अपने खो कर किसी कल्पना लोक में चले जाते है तो हमे परमानन्द कि अनुभूति होती है, और यही अनुभूति एक कलाकार कि होती है, कला के साथ-साथ नृत्य एक उत्तम शरीरिक व्यायाम भी है भारत में नृत्य कि कई शैलियाँ है कत्थक, भरतनाट्यम, कत्थकली, मणिपुरी, ओडिसी, मोहिनीअट्टम इत्यादि...संपर्क@9589906028. RK