धुनी आऊ गउन्हा के पहिरे हे माला,धुनी आऊ गउन्हा के पहिरे हे माला-भजन गीत सुना रही है...
रेखा मुंडे ग्राम खैरागढ़ जिला राजनंदगांव छत्तीसगढ़ से सावन महिना के उपर भजन सुना रही है,
धुनी आऊ गउन्हा के पहिरे हे माला,धुनी आऊ गउन्हा के पहिरे हे माला
बिच्छु के हे बड़े गुथिया,भोले बाबा हवये बही रुपिया_2
बाबा हवये बही रुपिया,शिव शंकर हवाये बहि रुपिया
पिये हे चिलम आऊ, खाये धतुरा मनखे के मनसा ला करते गा पूरा
मन के मंदिर मा बसाये रे कांशी,आऊ खांसी हा नाइ हवाये दुरिहा |