सूर्य किरन के संग है फूलो में बाहर है...गीत-
सीजीनेट श्रोता विष्णू टोप्पो एक गीत सुना रहे हैं:
सूर्य किरन के संग है फूलो में बाहर है-
पतंग में भी डोर है, सागर में तरंग है-
कोई ना अकेला संसार में, नात जुड़े हैं संसार में-
सूर्य किरन के संग है फूलो में बाहर है-
पतंग में भी डोर है, सागर में तरंग है-
कोई ना अकेला संसार में, नात जुड़े हैं संसार में...