मुसाफिर हैं हम तो चले जा रहे हैं...गजल-
जिला-कोरिया (छत्तीसगढ़) से पूनम देवांगन एक गजल सुना रही हैं:
मुसाफिर हैं हम तो चले जा रहे हैं-
बड़ा ही सुहाना गजल का सफर है-
पता पूंछते हो तो इतना पता है-
हमारा ठिकाना गुलाबी नजर है-
गजल ही हमारा अनोखा जहाँ है-
गजल प्यार की ओ हंसी दासता है...