पर्वतों के शिखर से आ रही आवाज...कविता-
ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पड़ियारी एक कविता सुना रहे हैं:
पर्वतों के शिखर से आ रही आवाज-
तुम मुझे विनाष क्यों कर रहे हो आज-
मै तो सदियों से खड़ा हूँ तुम आये हो आज-
तुम मुझे बर्बाद करने को क्यों तुले हो आज-
मै तुम्हे शुद्ध हवा डेटा हूँ, मै ही देता हूँ तुम्हे पानी-
मेरा उपकार को भूलकर कर रहे हो अपनी मनमानी...