पंख पसारे नील गगन में उड़ चले विविध पक्षी...कविता-
ग्राम-तमनार , जिला_रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पड़ियारी एक कविता सुना रहे हैं:
पंख पसारे नील गगन में उड़ चले विविध पक्षी-
अपना घोसला छोड़ कर दाना चुनका भक्षी-
फल बीज खाते हैं अपना जो मन आता-
कोड़े मकोड़े भी खा जाते हैं पकड़ में है जो आता-
नही करते तहस नहस किसी के बाग बगीचा-
थोड़ा मोड़ा खा लेतें जी में जो जचा-
दिन भर इधर उधर भटकते सांझ ढले आते अपना घोसला...(AR)