ये क्या मुसीबत आ गया चारो तरफ सन्नाटा छा गया...कविता-
ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पड़ियारी कोरोना पर एक कविता सुना रहे हैं :
ये क्या मुसीबत आ गया चारो तरफ सन्नाटा छा गया-
वन उपवन में भी नहीं बसंत बाहर-
बसंत ऋतू राज में भी नहीं फूलो की हार-
आम चार महुवा तेंदू में नहीं बौर-
मानो सभी को हो चला लकवा का दौर-
अस्त ब्यस्त हो रहा धरा सभी बीतते है मरा मरा...