चाइना से उड़कर चैना...कविता-
राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) से वीरेन्द्र गंधर्व कुछ पंक्तियाँ सुना रहे हैं:
चाइना से उड़कर चैना-
खो बैठे सुख और चैना-
कभी लुटा मेहंदी के नाम पर-
कही लुटा मोबाईल के नाम पर-
प्लास्टिक के चावल बेचे-
प्लास्टिक के अंडे...
राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) से वीरेन्द्र गंधर्व कुछ पंक्तियाँ सुना रहे हैं:
चाइना से उड़कर चैना-
खो बैठे सुख और चैना-
कभी लुटा मेहंदी के नाम पर-
कही लुटा मोबाईल के नाम पर-
प्लास्टिक के चावल बेचे-
प्लास्टिक के अंडे...