पढ़ा लिखा जब होगा गाँव तभी मिलेगी सुख की छांव...गीत-
ग्राम-देवरी, जिला-सूरजपुर (छत्तीसगढ़) से कैलास पोया एक कविता सुना रहे हैं:
यस समाज की ये मूरत क्या अनागड़ है-
बतायें बहने आखिर क्यों अनपढ़ है-
घर घर में करदो ऐलान लड़का लड़की एक सामान-
इन पर कोई भी हमला न होने देंगे-
अपनी लोक कलाओ को न खोने देंगे-
पढ़ा लिखा जब होगा गाँव तभी मिलेगी सुख की छांव...