आधुनिकता के दौर में बचपन खो गया है...कहानी-
आधुनिकता के दौर में बचपन खो गया है, हमारे चारो ओर हम ऊँ बच्चो को देख रहे हैं, जिनके पास आनंद नहीं है जिन्हें कोई अधिकार नहीं दिया गया है, जिन्हें स्वतंत्रता की अनुमति नहीं है कि बच्चा होना आखिर होता क्या है, बच्चो को तेजी से पढने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा हैं, इसे किया जा रहा है जैसे वे उनकी बोझिल अवस्था है, इसे जीतनी जल्दी हो दूर कर दो|