चाटी माटी मा खेले बाटी, बाबा कहें आ रे नाती ... छत्तीसगढ़ी कविता
ग्राम+पोस्ट-सिलाटी, जिला-कबीरधाम(छत्तीसगढ़) से मुनेन्द्र गुप्ता एक कविता सुना रहे हैं:
चाटी माटी मा खेले बाटी, बाबा कहें आ रे नाती-
दादा हा बेटा ला मरथ हवे लाठी लाठी-
लेकिन दाई के तो जरत हवे छाती-
टुरी मन हा गोल में पहने हवे साड़ी-
टूरा मन तो घला खेलत हवे बाटी-
अरे भईया मैं तो मर गयव सब झन चलव मोर काठी...