पहले यहाँ शेर बहुत हुआ करते थे, जिसके चलते गाँव का नाम "बाघडोंगरी" हो गया...
ग्राम-बाघडोंगरी, जिला-नारायपुर (छत्तीसगढ़) से मंगलराम पोटाई जो कि बाघडोंगरी पंचायत के सरपंच है, साथ है चैनसिंह पोटाई जो कि गाँव के बारे में जानकारी दे रहे है. बता रहे है कि गाँव नाम बाघडोंगरी कैसे पड़ा, पहले यहाँ पहाड़ जंगल बहुत हुआ करता था, तो यहाँ शेर भी बहुत रहते थे, जिसको की बाघ भी कहते है. डोंगर मतलब पहाड़ जंगल हो गया जिसके चलते गाँव का नाम बाघडोंगरी पड़ गया, पहाड़ के उस पार दूसरा गाँव है, फूलकोडो है. गोंडी ‘फूलकोडो’ अर्थ फूलोँ का बगीचा होता है. बाघडोंगरी को दोनों नाम से जाना जाता है. गोंडी में फूलकोडो के नाम से भी जाना जाता है. प्रकृति से जुड़े रहने के कारण पहले रहने वाले लोगों के द्वारा ज्यादातर गाँवो के नाम ऐसे ही पड़ते थे.