कविता : मन समर्पित तन समर्पित, और यह जीवन समर्पित...;
ग्राम-देवरी, तहसील-प्रतापपुर, जिला-सूरजपूर (छत्तीसगढ़) से विनोद कश्यप एक कविता सुना रहे है:
मन समर्पित तन समर्पित, और यह जीवन समर्पित-
चाहता हूँ देश की धरती, तुझे कुछ और भी दूँ-
थाल में जाऊ भाल सजाकर, कर लेना स्वीकार समपर्ण-
जान अर्पित,प्राण अर्पित, रक्त का कण कण समर्पित-
चाहता हूँ देश की धरती, तुझे कुछ और भी दूँ...