कविता : भारत माता का सपूत, आजादी का दीवाना...
ग्राम-रक्शा, पोस्ट-शोंगा, थाना_भालू माडा, जिला अनुपपुर (मध्यप्रदेश) से दिव्या जोगी भगत सिंह कविका सुना रही है:
भारत माता का सपूत, आजादी का दीवाना-
हंसकर झूल गया फांसी पर, भगत सिंह मस्ताना था-
नौजवान था वह पंजाबी, गजब शेर के दिलवाला-
देश प्रेम का रस पीकर वह बना हुआ था मतवाला-
दिन में चैन, नींद रात में, उसको कभी नही आती-
भारत माता की परवशता अति बैचैन बना जाती-
हंसकर झूल गया फांसी पर, भगत सिंह मस्ताना था...