छत्तीसगढ़ी गीत : शरीहर माटी है जी, जीवन में हस गोठियाला, मजा उड़ाला...
ग्राम-देवरी, तहसील-प्रतापपुर, जिला-सूरजपुर (छत्तीसगढ़) से कैलाश पोया एक छत्तीसगढ़ी में गीत सुना रहे है-
शरीहर माटी है जी, जीवन में हस गोठियाला, मजा उड़ाला-
हवा में बोला बतियावा, पिंजरा जैसे शरीर में, जिवहर बसे-
वो पिंजरा जैसे, चोला हर बसे हवे, एक दिन उड़ी जाहिस-
शरीहर माटी है जी, शरीर हमर माटी है रे-
दुनिया कर संग साथ, रिश्ताला बनायला-
एक दिन कहीं दुर्घटना में, चोला हर उड़ी जाहि रे-
शरीहर माटी है जी, जीवन में हस गोठियाला, मजा उड़ाला...