लहरों ने लूट लिया हमारे आन बान...कविता-
ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पड़ियारी एक कविता सुना रहे हैं :
लहरों ने लूट लिया हमारे आन बान-
लहरों ने ही लूट लिया हमारे ऊँची शान-
लहरों ने ही लूट लिया हमारे अमूल्य जान-
कहीं अति कहीं सूखा, कहीं असमान खुला-खुला-
कही जल मग्न हो, लोगों को यह खा भूखा-
जूझ रहे कुदरत के कहर, गरीब अमीर बुद्धि जीवी भी...