Hum to ladenge, hum na darenge : A child sings
हम तो लडेंगे, हम न डरेंगे
ये हाहाकार अत्याचार हम न सहेंगे
जहां हक न मिले मेरा तेरा वहीं लडेंगे
जिन रगों में खून था आ भर लो उसमें बिजलियां
बिजलियों से खाक कर दो सोने की वो बस्तियां
उस खाक से फूटेगा अपनी ज़िन्दगी का फूल
फिर महकेगी ज़िन्दगी होगा न कोई शूल
एक से कदम है यारा, एक कदमताल है
एक सी आवाज़ अपनी एक सा अंदाज़ है
हम ज़ोर से जो थाप दें तो तख्त हिलेगा
फिर गरजेगी धरती आकाश हिलेगा