एक दरिया है यहाँ पर दूर तक फैला हुआ, आज अपने बाजुएँ देख पतवारे न देख...गजल
ग्राम-चरगांव, पंचायत-भैंसवाही, तहसील-डिंडोरी, (मध्यप्रदेश) से आरती सोनवानी एक गजल सुना रही हैं:
आज सड़कों पर लिखे हैं सैकड़ों नारे न देख-
घर अन्धेरा देख तू आकाश के तारे न देख-
एक दरिया है यहाँ पर दूर तक फैला हुआ-
आज अपने बाजुएँ देख पतवारे न देख-
अब यक़ीनन ठोस है धरती हकीकत की तरह-
वह हकीकत देख लेकिन खौफ के मारे न देख...