बादल हा मांदर बजावत हवे बिजली के संग...कविता
ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़, (छत्तीसगढ़) से कन्हैया लाल पडियारी एक कविता सुना रहा है:
झूमत हवे रुख-राई खोका हवा के संग-
बादल हा मांदर बजावत हवे बिजली के संग-
छलकत हवे नदी-नरवा कुरकुट-कचरा के संग – बही-बही जावत हवे दुल्हा अपन पीया के संग-
हरी भरी भुइयां अपन माती के संग-
बिखरे हवे खुशबु मस्त मतंग...