अच्छा था कुंवारा ...कहानी
ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़(छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पड़ियारी एक कहानी सुना रहे हैं|
वनाराशी मामा बड़ा ही कंजूश था, उसके माता पिता का निधन हो चूका था| परिवार में वो अकेला था, उसके पास एक कपडे का दुकान था| उसमे उसने एक नौकर रखा था, उससे मामा सारा काम, घर से लेकर दुकान का कराता था और खुद भी कर लेता था| एक दिन दूर गांव से उसकी मौसी आयी| मौसी को देख मन ही मन मामा बोला, ये बूढी कहा से आ गयी| फिर मौसी ने बोला, वनाराशी शादी कर ले, एक लड़की देखा है बोलो तोह बात चलाऊं| फिर लड़की के माता पिता से मिलकर लड़की पसंद किया और फिर शादी हो गयी, बच्चे हुए फिर खर्चे बढ़ गए| फिर वनाराशी सोचा, अच्छा था कुंवारा, कहा शादी करके फस गया, खर्चे बढ़ गए|