मंद बन मंद, खुशबु बिखेर रहे थे होकर खुश बगियाँ...कवित|
ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पड़ियारी एक कविता सुना रहे हैं|
मंद बन मंद, खुशबु बिखेर रहे थे होकर खुश बगियाँ,
रंग बिरंगे फूल खिली थी,
आकर डाली में नौ घड़ियां,
आज तू राज्यवसन कर रहा था उपकार,
फूलों की डाली को तू लुटा रहा था अपना प्यार,
मधु मखिया इतरा रहे थे भरपेट मधु पान कर ...