कुछ-कुछ शोर शराबा था, कुछ-कुछ था शांति...कविता-
ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पड़ियारी एक कविता सुना रहे हैं:
कुछ-कुछ शोर शराबा था, कुछ-कुछ था शांति-
शोर शराबा इसलिये था-
क्यों कि एक बुज़ुर्ग बेसहारा का निधन हो गया था-
शांति इसलिये था क्यों कि उसका कोई रोने वाला नहीं था-
उसके जान पहचान सगे संबंधी दूर के थे-
उन्हें बुला कर अंतिम संस्कार किया गया-
कहानी हुवा ख़तम, वह था एक संत...