चल न दीदी जाबो वो जंगल पथरा झाड...कविता-
ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पड़ियारी एक छत्तीसगढ़ी कविता सुना रहे हैं :
चल न दीदी जाबो वो जंगल पथरा झाड-
अडबड तेंदू चार पके हवे, झन कर तय बिचार-
पान मुखारी तोड़ आन बो, बेटी के हवय सगाई-
पतरी दोना खील डार बो, अडबड हवय मंगाई-
बेटी के सगाई मा, आहीं लोग लुगाई-
ओकर खातीर कहाथो वो, झन कर तय ठागुवाई...