वैशाख मास की शुक्ल पक्ष तृतीया को ही अक्षय तृतीया कहते हैं-
सेतगंगा, जिला-मुंगेली (छत्तीसगढ़) से वैद्य रमाकांत सोनी अक्षय तृतीय महापर्व के बारे में बता रहे हैं | हिदू संस्कृति में व्रत और त्योहारों का विशेष महत्व है| ये नई प्रेरणा और स्फूर्ति का सृजन करते हैं| वैशाख मास की शुक्ल पक्ष तृतीया को ही अक्षय तृतीया कहते हैं। अक्षय का शाब्दिक अर्थ हैं| जिसका कभी क्षय न हो| यह माह गर्मी का होता है, और माना जाता है अक्षय तृतीया के दिन दिया गया, दान कभी नष्ट नहीं होता। उसका फल आपको इस जन्म के साथ-साथ कई जन्मों तक मिलता रहता है।