रुक जा पंक्षी मत इतरा, नहीं चलेगा कल से बस तेरा...कविता-
ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसग) से कन्हैयालाल पड़ियारी एक कविता सुना रहे हैं:
रुक जा पंक्षी मत इतरा-
नहीं चलेगा कल से बस तेरा-
मद मस्त मौला बन पथ में जरा-
पग-पग फनकारों का पहरा-
ये दुनिया रहती खफा खफा-
तेरा यहां नहीं चलेगा कोई सफा...