जातिवाद और छुवा छूत एक सामाजिक बुराई है...कहानी-

एक दिन एक पंडित को प्यास लगी| संयोगवश उसके घर में पानी नहीं था| इसलिये उसकी पत्नी पड़ोस के घर से पानी ले आई| पानी पीने के बाद पंडित ने पूछा कहां से लाई हो बहोत ही ठण्डा है|पत्नी ने बताया| कुम्हार के घर से| ये सुनकर पंडित चिल्लाने लगा, और बोला मेरा धर्म भ्रष्ट कर दिया| शूद्र कुम्हार के घर का पानी पिला दिया| पत्नी डर से कांपने लगी, और माफ़ी मांगी| शाम को जब पंडित खाने पर बैठा| तो देखा घर में खाने को कुछ नहीं बना था| पूछने पर उसकी पत्नी ने जवाब दिया| क्या बनाती जो अनाज पकाया था| उसे उगने वाला, कड़ाही को बनाने वाला सभी शुद्र थे| इसलिये सब फेक दिया | इतने में गुस्से से पंडित बोला पानी ही ले आओ| पत्नी बोली घड़ा फेक दिया| उसे शूद्र कुम्हार ने बनाया था| तब उसने कहा दूध ले आओ तो जवाब मिला| वो भी फेक दिया| उसे चमार शूद्र ने गाय से निकला था| उसने बोला दूध में कभी छूत लगती है क्या ? पत्नी बोली ये कैसी छूत है| जो पानी में लगती है| और दूध में नहीं लगती| इतने में वो परेशान होकर बोला खाट लगा दो आराम कर लूं| पत्नी बोली उसे भी तोड़कर फेक दिया| अब घर तोड़ना बाकी है| पंडित के पास कोई जवाब नहीं था |

Posted on: Apr 21, 2019. Tags: MP RAKESH KUMAR SONG STORY VICTIMS REGISTER

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