वनांचल स्वर : लोग वन उपजों को इकठ्ठा कर समूह को बेचते हैं, सरकार उसे समूह से खरीद लेती है -
ग्राम-संगम, तहसील-पखांजूर, ब्लाक-कोयलीबेडा, जिला-उत्तर बस्तर कांकेर (छत्तीसगढ़) से सीजीनेट जन पत्रकारिता जागरूकता यात्रा के बस्तीराम नागवंशी गाँव के एक निवासी से चर्चा कर रहे हैं वे बता रहे हैं, उन्हें जंगल से कई तरह के वन उपज प्राप्त होते है, जिसमे लाख, कोसुम बीजा, महुआ बीजा, टोरा बीजा आदि शामिल है, जिसको वे इकठ्ठा कर समूह को बेचते हैं, जिसके लिए सरकार समूह को पैसा देता है, लाख कोसुम के पेड़ से प्राप्त होता है, दूसरे पेडो से भी लाख प्राप्त होता है, लेकिन कोसुम पर ज्यादा होता है, वे महुआ का रस बनाते है, महुआ को भी इकठ्ठा कर समूह को बेचते हैं, इस तरह से वन उपज गाँव में लोगो के जीवन यापन का एक साधन है | इस इलाके में कोसा अधिक नहीं होता है